रंगीन युग में श्वेत श्याम के ज़माने का मज़ा ला दिया
इस गीत ने। इस फिल्म में विशाल शेखर का संगीत है।
गीत फिल्माया गया है परेश रावल पर और जासूसी
धारावाहिक करमचंद की किट्टी यानि सुष्मिता मुखर्जी
पर। सुष्मिता मुखर्जी बहुत अरसे के बाद दिखाई दीं
परदे पर। धीमा और कर्णप्रिय गीत है ये और इसमें
शोरगुल की नाम मात्र मिलावट है। इस गीत को गाया है
स्नेहा पन्त और शेखर ने। शेखर संगीत निर्देशक
हैं इस फिल्म के।
गौर फरमाएं ग्रामीण माहौल को दिखाने के लिए भैंस
का होना कितना ज़रूरी है। कोई मनचला फिल्म निर्देशक
होता तो गीत में उसकी आवाज़ भी डलवाता।
गीत के बोल:
क्यूँ आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह
क्यूँ देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह
क्यूँ आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह
क्यूँ देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह
क्या मेरे दीवाने हो, नहीं नहीं
क्या कोई परवाने हो, नहीं नहीं
क्या मेरे दीवाने हो
क्या कोई परवाने हो
काम क्या है मुझसे इतना कह दो जी ज़रा
कोरस: बोल दे प्यार है खामोश क्यों है खड़ा
हम अगर होते तो बोल दिया होता
क्यूँ आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह
क्यूँ देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह
खिड़की पे मेरी क्यूँ रखते हो अँखियाँ
करते हो क्यों तुम मेरी ही बतियाँ
खिड़की पे मेरी क्यूँ रखते हो अँखियाँ
करते हो क्यों तुम मेरी ही बतियाँ
मेरे लिए आते हो
नहीं तो
गीत गुनगुनाते हो
ना ना
मेरे लिए आते हो
गीत गुनगुनाते हो
बात क्या है दिल में तुम्हारे तुमको ही पता
कोरस:छोड़ दे यह शर्म तू पास उसको बुला
हम अगर होते तोह बुला लिया होता
क्यूँ आगे पीछे डोलते हो भंवरों की तरह
क्यूँ देखते हो मुझको यूँ बेसब्रों की तरह
हाथों में क्यों है यह सोने का कंगना
तुमको पह्नाके ले जाऊँगा अंगना
सजनी बनाओगे,
हाँ जी हाँ जी हाँ
जान भी लुटाओगे
अरे हाँ जी हाँ जी हाँ
सजनी बनाओगे जान भी लुताओगे
आज हम कहते हैं तुमसे प्यार हो गया
कोरस:हाथ यह थाम कर कहाँ पे तू है चला
अपना भी शुक्रिया कर दिया होता
हम आगे पीछे डोलते है भंवरों की तरह
हम देखते है तुमको यूँ बेसब्रों की तरह
क्या मेरे दीवाने
हाँ जी हाँ जी हाँ
क्या कोई परवाने
अरे हाँ जी हाँ जी हाँ
क्या मेरे दीवाने हो क्या कोई परवाने हो
आज हम कहते है तुमसे प्यार हो गया
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Kyun aage Peechhe Dolte Ho-Golmaal(Fun Unlimited) 2006
Thursday, 9 December 2010
आगे पीछे डोलते हो-गोलमाल २००६
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