राजेश रोशन ने भी और संगीतकारों की तरह लता मंगेशकर
के लिए विशेष धुनें बनायीं. कुछ गीत उनमें से ऐसे हैं जो
जनता के द्वारा ज्यादा नहीं सुने गए. धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी
अभिनीत फिल्म 'दिल्लगी ' से एक मधुर गीत सुनवा रहे
हैं आपको. सन १९७८ में इस गीत का पदार्पण हुआ था .
गीत के बोल :
बादल तो आये लहरों के साये
ओ आने वाले पर तुम न आये
बादल तो आये लहरों के साये
ओ आने वाले पर तुम न आये
तुम ज़िन्दगी में यूँ मेरी आ कर
गुम हो गए हो ऐसे मुझको भुला कर
मैं प्यार तेरा दिल में सजा कर
बैठी हूँ कब से आस लगा कर
दुःख मेरे दिल के होंठों पे आये
ओ आने वाले पर तुम तो न आये
आवाज़ मेरी आ जाओ सुन के
रौंदो ना सपने हाय मेरे नयन के
इस पार तुमसे किसी भी जतन से
मैं राज़ अपने सारे कह दूँगी मन के
ख़ामोश रह के ये दर्द पाए
ओ आने वाले पर तुम तो न आये
बादल तो आये लहरों के साये
ओ आने वाले पर तुम तो न आये
तुम तो न आये
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Baadal to aaye-Dillagi 1978
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