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Tuesday, 12 July 2011

एक दिन हँसाना-बेनाम १९७४

एक लोरी सुनवाते हैं आपको फिल्म बेनाम से. बच्चों को सुलाना
कितना दुष्कर कार्य होता है इस गीत से आपको समझ आएगा या
यूँ कहें मेमोरी रिफ्रेश हो जाएगी आपकी. जिनके बच्चे होने वाले हों
वे इस गीत को देख कर आगे आने वाली परेशानी के लिए अपने
आपको मानसिक रूप से तैयार कर लें.

ये बात और है अगर आपकी आवाज़ मधुर है तभी गीत गायें अन्यथा
बच्चा घबरा कर, और जोर से भां भां करता रोने लगेगा, सोने के बजाये

लेखनी से मियां-बीबी की समस्या हल की है मजरूह सुल्तानपुरी ने और
आवाज़ से लता मंगेशकर ने राहुल देव बर्मन की धुन पर.




गीत के बोल :

ला ला ला हं हं हं
सो जा रे नींद सुहानी
एक दिन हँसाना एक दिन रुलाना
जीवन की रीत पुरानी
फिर तेरी पलकें काहे को छलकें
सो जा रे नींद सुहानी
एक दिन हँसाना एक दिन रुलाना
जीवन की रीत पुरानी
फिर तेरी पलकें काहे को छलकें
सो जा रे नींद सुहानी

सनन सनन पवन कहे सो जा मिलेगा
तुझको कोई नया खिलौना
मगन मगन सपन में खो जा मिलेगा
दूजा साथी कोई सलोना
दिन कल का नया दिन होगा
फिर कैसी ये परेशानी

एक दिन हँसाना एक दिन रुलाना
जीवन की रीत पुरानी
फिर तेरी पलकें काहे को छलकें
सो जा रे नींद सुहानी

निकलेंगे अभी बहुत जिया के अरमान
जीवन सारा अभी पड़ा है
हो ओ ओ टुकुर टुकुर नयन लिए
न हो रे हैरान
ऊपर वाला बहुत बड़ा है
किर काहे तू पड़ा जागे
अंखियों में लिए पानी
अब तो सो जा

एक दिन हँसाना एक दिन रुलाना
जीवन की रीत पुरानी
फिर तेरी पलकें काहे को छलकें
सो जा रे नींद सुहानी

एक दिन हँसाना एक दिन रुलाना
जीवन की रीत पुरानी
फिर तेरी पलकें काहे को छलकें
सो जा रे नींद सुहानी
..............................
Ek din hansana-Benaam 1974

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