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Wednesday, 13 July 2011

काहे को बुलाया मुझे बालमा-हमशक्ल १९७४

जैसे मोगली सीरियल के शीर्षक गीत "चड्डी पहन के फूल खिला है"
पसंद आने की कोई विशेष वजह नहीं है वैसे ही प्रस्तुत गीत के पसंद
आने के पीछे भी कोई ख़ास कारण नहीं है। इसको सुनते सुनते कान
पक गये हैं। आकर्षक धुन एकमात्र जायज़ वजह हो सकती है इस गीत
को इतनी बार सुन लिया है कि याद नहीं। इसकी शुरूआती "हाय हाय"
और "जा तोसे बोलूं ना, घूँघट खोलूं ना" बोल दिमाग में बैठ से गये हैं।

ये आकर्षक युगल गीत है राजेश खन्ना के डबल डोज़ वाली अर्थात डबल रोल
वाली फिल्म हमशकल से। इसका एक गीत आपको सुनवा चुके हैं पहले
जिसमें मौसमी चटर्जी थीं राजेश खन्ना के साथ और 'झूम ना झूम ना'
कर रही थीं।



गीत के बोल:

हाय हाय
काहे को बुलाया
काहे को बुलाया मुझे बालमा प्यार में नाम से
प्यार के नाम से
काहे को बुलाया मुझे बालमा प्यार में नाम से
प्यार के नाम से

राधा ने यही पूछा था एक दिन रूठ कर श्याम से
रूठ कर श्याम से

जा तोसे बोलूँ ना घूँघटा खोलूँ ना डोलूँ ना मैं संग तेरे
जा तोसे बोलूँ ना घूँघटा खोलूँ ना डोलूँ ना मैं संग तेरे
रोज़ जो तुम रूठोगी ऐसे गुज़रेंगे दिन मेरे कैसे
जीने नहीं देगा मुझे चार दिन प्यार आराम से
प्यार आराम से

काहे को बुलाया मुझे बालमा प्यार में नाम से
प्यार के नाम से

काली घटाओं में, ठंडी हवाओं में, आओ कहें हाल दिल का
काली घटाओं में, ठंडी हवाओं में, आओ कहें हाल दिल का
ओ, प्यार में दिन तो ढल जाता है, रात का जादू चल जाता है
जिया लगता है धड़कने पिया, आजकल शाम से
आजकल शाम से

राधा ने यही पूछा था एक दिन रूठ कर श्याम से
रूठ कर श्याम से

तौबा मैं क्या करूँ
तौबा मैं क्या करूँ बदनामी से डरूँ
मोहे बड़ी लाज आए
हमने कोई की है चोरी, प्यार किया है हमने गोरी
लोगों से जो हम ऐसे डरने लगे तो गए काम से
तो गए काम से

काहे को बुलाया मुझे बालमा प्यार में नाम से
प्यार के नाम से

राधा ने यही पूछा था एक दिन रूठ कर श्याम से
रूठ कर श्याम से
...................................
Kaahe ko bulaya-Humshakal 1974

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