सन १९५७ में भारत भूषण की जो उल्लेखनीय फ़िल्में आयीं
वे थीं-चम्पाकली, गेटवे ऑफ़ इंडिया और रानी रूपमती ।
तीनों फिल्मों में ही कर्णप्रिय संगीत है। इन फिल्मों में से एक
ना एक गीत कालजयी निश्चित ही हुआ।
राजेंद्र कृष्ण ने माखन चोर नन्द किशोर के उल्लेख वाले
कुछ बढ़िया गीत लिखे हैं। फिल्म चम्पाकली के इस गीत को
आपने शायद ही सुना हो। हेमंत कुमार के संगीत निर्देशन
वाली फिल्म चम्पाकली के गीत सॉफ्ट किस्म के हैं और सुनने
में कानों में हलकी सी गुदगुदी करते हैं।
गीत के बोल:
जा रे जा रे ओ माखन चोर
चलेगी ना ये चोरी तेरी जोरा-जोरी
ओ छलिया, जा रे ओ माखन चोर
चलेगी ना ये चोरी तेरी जोरा-जोरी
ओ छलिया, जा रे ओ माखन चोर
जा जा काहे मचावत शोर
कभी ना छोड़ूँ तोरी ये बैयाँ गोरी-गोरी
सजनिया काहे मचावत शोर
ऐसी ठिठोली करो हमसे ना रसिया
कौन हो तुम हमारे
ऐसी ठिठोली करो हमसे ना रसिया
कौन हो तुम हमारे
होता है गोरी जो चकोरी का चंदा
हम वही हैं तुम्हारे
देखो जी देखो मेरा भोला सा मनवा
समझे नहीं इशारे ओ छलिया
जा रे ओ माखन चोर
चलेगी ना ये चोरी तेरी जोरा-जोरी
ओ छलिया, जा रे ओ माखन चोर
मैं बन्सी तू तान मेरा तेरा साथ पुराना
ओ मैं बन्सी तू तान मेरा तेरा साथ पुराना
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
रहने दो ये बात चले ना कोई बहाना
मानो ना मानो तुम्हें दिल की क़सम है अपना हमें बनाना
सजनिया काहे मचावत शोर
कभी ना छोड़ूँ तोरी ये बैयाँ गोरी-गोरी
सजनिया काहे मचावत शोर
हटो जी हटो मेरी छोडो डगरिया यूँ हमें ना सताओ
हटो जी हटो मेरी छोडो डगरिया यूँ हमें ना सताओ
जाने से पहले मेरे दिल की नगरिया मुस्करा के बसाओ
जानूँ ना जानूँ कैसा दिल है तुम्हारा
पहले दिल तो दिखाओ रे छलिया
जा रे ओ माखन चोर
चलेगी ना ये चोरी तेरी जोरा-जोरी
ओ छलिया, जा रे ओ माखन चोर
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Ja re o makhanchor-Champakali 1957
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