पंकज मलिक की रौबदार आवाज़ को सुने बहुत दिन हो गये।
आइये उनकी आवाज़ में एक ग़ैर फ़िल्मी गीत सुना जाये।
बी सी माथुर के लिखे इस गीत कि धुन भी पंकज मालिक ने
बनाई है। गीत बनके बिहारी को समर्पित है। गीत के साथ एक
उल्लेखनीय बात ज़रूर इधर लिखना चाहूँगा। यू ट्यूब पर एक
कमेन्ट है गीत के साथ-भजन के माध्यम से आप ईश्वर को
कुछ कहते हैं और ध्यान के माध्यम से आप उसकी वाणी सुनते
हैं । दोनों में वाकई यही फर्क है।
गीत के बोल :
मेरे हठीले श्याम
मेरे हठीले श्याम
मैं भी हठ से अड़ा हूँ
ठोकर लगा दे मैं तेरे रस्ते पे खड़ा हूँ
ओ भागनेवाले तुझे रुकना ही पड़ेगा
मुझको उठाने के लिए झुकना ही पड़ेगा
ओ भागनेवाले तुझे रुकना ही पड़ेगा
मुझको उठाने के लिए झुकना ही पड़ेगा
ज़ख़्मी हूँ, ज़ख़्मी हूँ
ज़ख़्मी हूँ तेरा तीर की नोकों से लड़ा हूँ
ठोकर लगा दे मैं तेरे रस्ते पे खड़ा हूँ
मेरे हठीले श्याम
मुझको उजाड़ा तुझको भी बसने नहीं दूँगा
जब तक न हँसूं मैं तुझे हँसने नहीं दूँगा
मुझको उजाड़ा तुझको भी बसने नहीं दूँगा
जब तक न हँसूं मैं तुझे हँसने नहीं दूँगा
तू सबसे बड़ा, तू सबसे बड़ा
तू सबसे बड़ा और मैं तुझसे भी बड़ा हूँ
ठोकर लगा दे मैं तेरे रस्ते पे खड़ा हूँ
मेरे हठीले श्याम
माना के तेरा और मेरा साथ नहीं है
पर याद भुलाना भी तेरे हाथ नहीं है
माना के तेरा और मेरा साथ नहीं है
पर याद भुलाना भी तेरे हाथ नहीं है
ऐ दरियादिल तू देख
ऐ दरियादिल तू देख मैं लहरों पे खड़ा हूँ
लहरों पे खड़ा हूँ
ठोकर लगा दे मैं तेरे रस्ते पे खड़ा हूँ
मेरे हठीले श्याम
मेरे हठीले श्याम
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Mere hatheele shyam-Non film song-Pankaj Mullick
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