अगर आप मछली पकड़ने जाएँ और कांटे में कोई सुंदरी फँस
जाये तो क्या करेंगे ? सोच में पढ़ जायेंगे ? हिंदी फिल्मों में
नए नए करतब देखने को मिलते हैं। फिल्म का नाम है
वंदना और इसमें युवा परीक्षित साहनी के साथ युवा बिंदु
दिखाई देंगे आपको। आशा भोंसले की आवाज़ है और रवि
का संगीत है। असद भोपाली के बोल हैं गोया उनके साथ भी
कभी भोपाल के तालाब में मछली पकड़ते पकड़ते कोई ऐसा
वाकया हुआ हो। असद भोपाली ने कई लोकप्रिय गीत लिखे हैं
हिंदी फिल्मों के लिए।
गीत के बोल:
ऐ सोचता है क्या
आ जा, बड़ा मज़ा है मेरे प्यार में
ऐ सोचता है क्या
आ जा, बड़ा मज़ा है मेरे प्यार में
ऐ सोचता है क्या
शर्म कैसी, कोई नहीं देखने वाला
कोई नहीं यहाँ देखने वाला
कैसी गज़ब की तन्हाई है
कोई नहीं यहाँ देखने वाला
कैसी गज़ब की तन्हाई है
ठंडी हवाओं ने महकी हवाओं ने
दिल की तम्मानाएं जगाई हैं
तू भी जवान मैं भी जवान
तू भी जवान मैं भी जवान
तू भी अकेला मैं भी अकेली
ऐ सोचता है क्या
आ जा, सच कहती हूँ, बड़ा मज़ा है मेरे प्यार में
ऐ सोचता है क्या
हा, ला ला ला ला ला ला
हा, ला ला ला ला ला ला ला
भीगी जवानी तुझको बुलाये
बाहों में आ जा मेरे दिलवर
भीगी जवानी तुझको बुलाये
बाहों में आ जा मेरे दिलवर
अंग लगा ले ऐसे ना अपने
चाहनेवालों पर सितम कर
मुझको उठा गले लगा
मुझको उठा गले लगा
तेरी दीवानी मेरी जवानी
ऐ सोचता है क्या
आ जा, आ जा ना, बड़ा मज़ा है मेरे प्यार में
ऐ सोचता है क्या
आ जा, बड़ा मज़ा है मेरे प्यार में
ऐ सोचता है क्या
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Ae sochta hai kya-Vandana 1975
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